NCERT Class 6 Geography(भूगोल) Chapter 3

पृथ्वी कि गतियाँ : 
 
पृथ्वी कि गति 2 प्रकार कि है : घूर्णन एवं परिक्रमण
पृथ्वी का अपने अक्ष पर घूमना घूर्णन कहलाता है, पृथ्वी का कक्ष काल्पनिक है जो 23½° झुकी हुई है |
सूर्य के चारों ओर एक स्थिर कक्ष में पृथ्वी की गति को परिक्रमण कहते हैं |
पृथ्वी सूर्य से प्रकाश प्राप्त करता है, सूर्य वाले भाग में दिन तथा दूसरा भाग जो सूर्य से दूर होता है, उस भाग में रात होती है|
वृत्त जो दिन तथा रात को पृथक करता है, प्रदीप्ति वृत्त कहलाता है|
पृथ्वी अपने अक्ष पर 1 चक्कर पूरा करने में 24 घंटे का समय लेती है|
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर 1 चक्कर 365 ¼ दिन में पूरा करती है |
हम 1 वर्ष में 365 दिन ही जोड़ते हैं, और 4 वर्षों में 6 घंटे मिलकर 24 घंटे बनाते हैं, तथा उसे फरवरी माह में जोड़ लेते हैं|
इसलिए प्रत्येक चौथे वर्ष फरवरी माह 29 दिन का होता है|
1 वर्ष को गर्मी, सर्दी, बसंत तथा शरद ऋतुओं में बांटा जाता है | ऋतुओं में परिवर्तन सूर्य के चारों ओर पृथ्वी की स्थिति में परिवर्तन के कारण होता है |

21 जून को उत्तरी गोलार्ध सूर्य की तरफ झुका है, सूर्य कि किरणें कर्क रेखा पर सीधी पड़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप इन क्षेत्रों में अधिक ऊष्मा प्राप्त होती है | उत्तरी ध्रुव सूर्य कि तरफ झुका होता है, तथा उत्तरी ध्रुव रेखा के बाद वाले भागों में 6 महीने तक दिन होता है | विषुवत वृत्त के उत्तरी भाग में गर्मी का मौसम होता है | 21 जून को इन क्षेत्रों में सबसे लम्बा दिन तथा तथा सबसे छोटी रात होती है|

22 दिसम्बर को दक्षिण ध्रुव के सूर्य की ओर झुके होने के कारण मकर रेखा पर सूर्य कि किरणें सीधी पड़ती हैं| जिस कारण दक्षिण गोलार्ध के बहुत बड़े भाग में प्रकाश प्राप्त होता है| जिस कारण दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है, तथा सबसे लम्बा दिन तथा सबसे छोटी रात होती हैं|

21 मार्च एवं 23 सितम्बर को सूर्य कि किरणें विषुवत वृत्त पर सीधी पड़ती हैं| इस अवस्था में कोई भी ध्रुव सूर्य कि तरफ नहीं झुका होता है, इसलिए पूरी पृथ्वी में दिन और रात दोनों बराबर होते हैं|
23 सितम्बर को उत्तरी गोलार्ध में शरद ऋतु होती है, तथा दक्षिणी गोलार्ध में बसंत ऋतु होती है |
21 मार्च को उत्तरी गोलार्ध में बसंत ऋतु तथा दक्षिणी गोलार्ध में शरद ऋतु होती हैं |

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